1. यदि कोई प्रोग्राम या फॉन्ट आदि ठीक से काम नहीं कर रहा है तो रीबूट करें। अधिकांश एरर अस्थायी होते हैं व कई भिन्न प्रकार के प्रोग्राम्स के एक साथ रन होने से आ सकते हैं। रीबूट करने पर प्रोग्राम्स के दोबारा लोड होने से ये ठीक हो सकते हैं।
2. यदि आपकी समस्या किसी विशेष सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने के बाद आरंभ हुई है तो उसे अनइंस्टॉल करके देखें।
3. विण्डोज़ की सभी सिस्टम फाइल्स मौजूद हैं या नहीं- जानने के लिए सिस्टम फाइल चेकर का प्रयोग करें। यह उन फाइल्स को पुनः अपने स्थान पर पहुँचा देगा जो मौजूद नहीं हैं या करप्ट हो गई हैं।
4. यदि आपने अपना माउस बदला है, नया साउण्ड कार्ड या कोई अन्य हार्डवेयर इंस्टॉल किया है तो उसे हटाकर देखें। अपने विक्रेता या हार्डवेयर निर्माता की वेबसाइट से उसके लिए सबसे उपयुक्त सॉफ्टवेयर (ड्राइवर) प्राप्त करें। विक्रेता से मालूम करें कि क्या नया हार्डवेयर आपके पुराने हार्डवेयर के साथ कंपेटिबल है?
5. खराब मैमोरी विण्डोज़ के क्रैश होने का सबसे प्रमुख कारण है। यदि आपको पेज फॉल्ट, इल्लीगल ऑपरेशन या फेटल एक्सेप्शन आदि संदेश मिल रहे हैं तो रैम को चैक कराएँ। नई मैमोरी मॉड्यूल लगाने के बाद ऐसे संदेश मिलने का अर्थ यह हो सकता है कि आपकी रैम मॉड्यूल खराब हो या कंपेटिबल न हो।
6. कम्प्यूटर के चलते-चलते रुक जाने या ठीक काम नहीं करने पर स्कैन डिस्क, फिर डिस्क क्लीन-अप व फिर डीफ्रैग अवश्य करें।
7. अपनी हार्ड डिस्क का काफी हिस्सा खाली रखें। याद रखें, विण्डोज़ को चलते समय स्वैप फाइल्स या टैम्परेरी फाइल्स बनाने के लिए काफी स्थान की आवश्यकता होती है। यदि आपकी हार्ड डिस्क में जगह कम है तो कई प्रकार के फॉल्ट पैदा हो सकते हैं, सिस्टम हैंग हो सकता है या विण्डोज़ क्रैश हो सकता है।
8. अपनी हार्ड डिस्क को नियमित रूप से वायरस के लिए स्कैन करें। फाइल्स के संक्रमित होने पर एक वायरस रहित फ्लॉपी या विण्डोज़ की सीडी से बूट करें और पुनः विण्डोज़ इंस्टॉल करें।
9. यदि आपके नए कम्प्यूटर में विण्डोज़ बार-बार क्रैश होता है तो विक्रेता को मदरबोर्ड व अन्य भागों की कंपेटिबिलिटी चैक करने को कहें। हो सकता है इनमें से कुछ विण्डोज़ या खासकर विण्डोज़ के आपके वर्जन के साथ काम करने योग्य नहीं हों।
10. डिवाइस फेल होने संबंधी एरर आने पर 'स्टार्टिंग विण्डोज़...' आने पर एफ8 दबाकर विण्डोज़ को सेफ मोड में स्टार्ट करें। स्टार्ट। सेटिंग्स। कंट्रोल पैनल। सिस्टम में डिवाइस मैनेजर को सिलेक्ट कर उसमें यह देखें कि उस सूची में कोई डुप्लीकेट डिवाइस न हो। यदि ऐसा हो तो डिवाइस को हटाकर रीबूट करें।
4 comments:
बहुत काम की जानकारी बापीजी.
बहुत बहुत शुक्रिया....
साधुवाद ...
आपका ब्लाग हिन्दी जगत के लिये बहित काम का सिद्ध होगा। मैं यहाँ 'रफ़्तार' की अनुशंशा पर आया। यदि अपने लेखों में विविधता बनाये रखेंगे और आम लोगों की परेशानियों का अन्दाजा रखेंगे तो आपका ब्लाग बहुत ही लोकप्रिय होगा।
वेलकम बापी दा,
ब्लागिंग की दुनिया मे स्वागत है!
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