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Friday, March 19, 2010

गूगल टीवी....



गूगल ने टीवी के बाजार में भी उतरने की तैयारी कर ली है. इसके लिए गूगल ने कई बड़ी कंपनियों यथा- इंटेल, सोनी, लॉजीटेक आदि के साथ गलबहियां की है. ये सभी मिलकर प्रोजेक्ट गूगल टीवी के लिए काम करेंगे. गूगल का मकसद है वेब को टीवी और सेटटॉप बॉक्स के जरिए लोगों के बेडरूम तक पहुंचाना. इस गूगल टीवी प्रोजेक्ट पर कई महीनों से काम चल रहा है. यह प्रोजेक्ट एंड्रॉयड नामक एक सॉफ्टवेयर पर आधारित है जो कुछ स्मार्टफोन में उपलब्ध भी हैं. टीवी यूजर्स सोशल नेटवर्क और गूगल सर्च इंजन का इस्तेमाल कर पाएंगे. इसके अलावा गेम्स और सॉफ्टवेयर भी डाउनलोड किए जा सकेंगे.

Thursday, March 18, 2010

गूगल बज है क्‍या?


गूगल बज इन दिनों खासा धूम मचा रहा है। आखिर यह गूगल बज है क्‍या? दरअसल यह गूगल के नए फीचर का नाम है। गूगल की ईमेल सर्वि‍स जीमेल का इनबि‍ल्‍ट फीचर है। इन शॉर्ट अगर कहें तो गूगल ने अपने यूजर्स को जीमेल में ही ऑरकुट और पि‍कासा की फेसि‍लि‍टी दी है। ताकि‍ यूजर को ऑरकुट और पि‍कासा के लि‍ए अलग से लॉगि‍न न करना पड़े। यानी एक साथ तीन काम।
कैसे यूज करें गूगल बज? बज फीचर को यूज करने के लि‍ए अलग से कि‍सी सेटअप की जरूरत नहीं है। जीमेल में अब आप बज के जरि‍ए अपने फ्रेंड्स से फोटो, लिंक्‍स और वीडि‍यो भी शेयर कर सकते हैं। शेयर किए फोटो, ब्‍लॉग या चैटिंग पर जो कमेंट्स मि‍लते हैं उन्हें आप तुरंत इनबॉक्‍स में देख सकते हैं। और तो और यूजर हर पोस्‍ट के साथ थंबनेल में फोटो देख सकता है। डबल क्‍लि‍क करने पर यही थंबनेल फुल फोटो हो सकता हैं।
और भी हैं कनेक्टिविटी : गूगल बज से आप ट्वि‍टर, पि‍कासा, फ्लि‍कर और गूगल रीडर से भी कनेक्‍ट हो सकते हैं। बज में आपसे फ्रीक्‍वेंटली चैट करने वाले या आपको मेल करने वाले लोग रेंडमली सि‍लेक्‍ट करके जोड़ दि‍ए जाते हैं। अपने सिक्रेट्स चाहें तो सबको बताएँ या सि‍र्फ चटपटी गॉसिप को अपने खास दोस्तों तक ही रखें।
दिल की बात एक : साथ बज में आप ऐसे लोगों का ग्रुप बना सकते हैं जि‍नसे आप एक ही बात, एक साथ करना चाहते हैं। इन लोगों को आप डि‍फॉल्‍ट ग्रुप जैसे फ्रेंड्स, फैमि‍ली, कलिग या माय कॉन्‍टेक्‍ट में जोड़ सकते हैं। आप चाहें तो कोई नया ग्रुप भी बना सकते हैं। ऐसा ग्रुप बनाते समय ध्‍यान रखें कि‍ आप ग्रुप को वही बज भेजें जो आप सबसे शेयर करना चाहते हैं। सिंगल कॉन्‍टेक्‍ट को बज भेजने के लि‍ए आपको ग्रुप एडि‍ट करना होगा। यही बज का नेगेटि‍व पॉइंट है। क्‍योंकि‍ सपोज अगर बातों ही बातों में आपके की-बोर्ड से ऐसा कुछ टाइप हो गया जो आप सबको नहीं भेजना चाहते, वह सबको जा सकता है।
इंस्‍टेंट है : बज बज को आप पब्‍लि‍क और प्राइवेट इन दो तरीको से भेज सकते हैं। पब्‍लि‍क में आपका बज वे सभी लोग देखेंगे जो जीमेल के इस फीचर से जुड़े हैं। सर्च बज में आप बज में यूनि‍वर्सली एडेड यूजर्स को सर्च भी कर सकते हैं। ये ऑरकुट के 'सर्च योर फ्रेंड्स' फीचर की तरह ही है। गूगल का दावा है कि‍ बज की सबसे बड़ी वि‍शेषता उसका इंस्‍टेंट होना है।
बज की कमियाँ
1 बज में फ्रीक्‍वेंटली चैट करने वाले दोस्त रेंडमली जोड़ दिए जाते हैं, जरूरी नहीं कि आपका बज उन सभी के लिए हो।
2 सिंगल कॉन्‍टेक्‍ट को बज भेजने के लि‍ए हर बार ग्रुप एडि‍ट करना सुविधा के बजाय सिरदर्द हो सकता है।
3 स्पेसिफिक इन्फॉरमेशन हर किसी से तो नहीं पूछी जा सकती, ऐसे में बार-बार सिंगल कॉन्‍टेक्‍ट के लिए ग्रुप एडि‍टिंग थोड़ा टाइम टेकिंग है।
4 और एक कमी, जिसे आपने बज भेजा है, अगर उसकी किसी और से चैटिंग हो रही है तो उस अगले का रिप्लाय आपको अनावश्यक रूप से इन-बॉक्स में दिख सकता है। यानी उस बज का डायरेक्टली आपसे कोई लेना-देना नहीं। जिसे इतनी फुरसत हो कि दूसरों के बजिंग में इंट्रैस्ट रखता हो, वह मजे लेता रहे। हाँलाकि इतना पेशन्स किसी के पास होता नहीं है अत: यह एक परेशानी के सिवाय कुछ नहीं है।

जानें अपने लैपटॉप को ...

आजकल की टेक्‍नोफ्रेंडली लाइफ के चलते हम मोबाइल फोन और कंप्‍यूटर के इतने आदि‍ हो चुके हैं कि‍ इनमें से जरा सी खराबी आने से हमारी जिंदगी में उथल पुथल मच जाती है। इनमें से एक भी चीज मि‍सिंग हो जाए तो हम अपने आपको बड़ा ही बेबस मेहसूस करने लगते हैं। आजकल की टेक्नि‍कल लतों में से 'लैपटॉप' भी एक है। आइए जानें कि‍ लैपटॉप में कि‍स तरह कि‍ खराबि‍याँ आ सकती हैं और उनसे कैसे बचा जाए- ‍
मदर बोर्ड : मदरबोर्ड में खराबी आमतौर पर उसकी आईसी (इंटीग्रेटेड सर्किट) में शार्ट सर्किट होने से आती है। मदरबोर्ड लैपटॉप का कीमती हिस्सा होता है। लिहाजा इसके खराब होने पर सबसे ज्यादा खर्च आता है। इसलिए इसका खास ख्याल रखना चाहिए। मदर बोर्ड में पानी व अन्य तरल पदार्थ न जाएँ इसका ध्यान रखने के साथ ही बायोस से छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए। मदरबोर्ड खराब होने की सबसे बड़ी वजह बिजली का फ्लैक्चुएशन (बार-बार बिजली का आना-जाना) होता है। ऐसे समय पर लैपटॉप या पीसी को डायरेक्ट बिजली से चलाने के बजाए बैट्री करंट से चलाना चाहिए।
हार्ड डिस्क : लैपटॉप व पीसी में हार्ड डिस्क सबसे अहम मानी जाती है। लैपटॉप की हार्ड डिस्क पीसी से कहीं ज्यादा मजबूत होने के साथ छोटी होती है, लेकिन बहुत कम ऊँचाई से भी गिरने से खराब हो सकती है। ऐसे में ध्यान रखना चाहिए कि यह न गिरे। साथ ही पीसी के मुकाबले लैपटॉप की हार्ड डिस्क से करंट लगने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में इसका इस्तेमाल सावधानी से करना
चाहिए
स्क्रीन : यह लैपटॉप व पीसी का सबसे नाजुक हिस्सा होता है, जो बहुत आसानी से टूट जाता है। लिहाजा इसका इस्तेमाल बहुत सावधानी से करना चाहिए। दरअसल यह ग्लास (शीशे) और लिक्विड क्रिस्टल से बना होता है। एलसीडी में आमतौर पर उसकी हिफाजत के लिए आर्गेनिक कवर होता है, लेकिन यह नाकाफी है। ऐसे में एलसीडी को गिरने व धक्का लगने से बचाना चाहिए।
टच पैड : लैपटॉप लेने के बाद ज्‍यादातर लोगों की शि‍कायत होती है कि‍ वह सही ढंग से काम नहीं कर रहा है। टचपैड पर स्‍पेशल कोटिंग होती है जो उंगलि‍यों की रगड़ से नि‍कल जाती है। जि‍ससे उसकी काम करने की क्षमता कम हो जाती है। दरअसल गर्मि‍यों के दि‍नों में हमारे हाथो से पसीना नि‍कलता है। ऐसे में नम उंगलि‍यों की रगड़ से टचपैड की स्‍पेशल कोटिंग खराब हो जाती है और वह सही ढंग से काम करना बंद कर देता है। इसलि‍ए टचपैड इस्‍तेमाल करने से पहले हाथों को साफ करें ताकि‍ उनमें नमी ना रहे।
सीडी रोम : आम तौर पर कोई भी सीडी रोम ज्‍यादा से ज्‍यादा एक साल तक चलती है। वहीं आमतौर पर लोग लैपटॉप व पीसी में लगी सीडी रोम का उपयोग मूवी या फि‍ल्‍म देखने में करते हैं जि‍ससे इसकी कार्य क्षमता आधी हो जाती है। लि‍हाजा इस बात का ध्‍यान रखें कि‍ सीडी रोम का इस्‍तेमाल सॉफ्टवेयर इंस्‍टॉल करने के लि‍ए ही करें।